Wednesday 13 December 2023

सारे नाचे धम्मक-धम

 



‘‘मैं तो लेटे-लेटे बोर हो गया हूँ। लेटे-लेटे सोना-जागना, लेटे-लेटे खाना-पीना, लेटे-लेटे ही चलना। काश मेरे भी पैर होते।’’ साँप ने आह भरते हुए कहा।

साँप की बात पर सारे जानवरों ने हाँमें हाँमिलाई। पर घोड़ा चुपचाप खड़ा रहा। बंदर ने पूछा, ‘‘तुम क्यों चुप हो?’’

घोड़ा बोला, ‘‘सच तो यह है कि मैं तो खड़े-खड़े बोर हो गया हूँ। इक्के में जुतकर दिन भर दौड़ते-दौड़ते थक जाता हूँ। मन होता है काश, मैं भी लेट सकता। पर क्या करूँ? प्रकृति ने मुझे ऐसा बनाया कि खड़े-खड़े ही सोना पड़ता है।’’

तभी वहाँ एक बगुला आकर बैठ गया। वह बहुत उदास था। उसका चेहरा उतरा हुआ था। सबने पूछा तो कहने लगा, ‘‘काश, मेरे भी दो हाथ होते!’’

‘‘पर तुम ऐसा क्यों कह रहे हो?’’ भालू ने पूछा।

‘‘मैं सुबह से ताक लगाए एक पैर पर खड़ा था। बड़ी मुश्किल से एक मछली हाथ लगी। मछली बड़ी थी। वह मेरी चोंच से छिटककर भाग गई। अगर हाथ होते तो उसे कसकर दबोच लेता।’’


‘‘काश, मेरे पंख होते,’’ तभी बिल्ली बोली, ‘‘कल एक बंद गली में शरारती बच्चों ने मुझे घेर लिया। और दौड़-दौड़ाकर बेहाल कर दिया। अगर पंख होते तो फुर्र हो जाती।’’

तभी बड़ी देर से सबकी बात सुन रहा कबूतर बोला, ‘‘मैं सोचता हूँ कि मेरे भी दाँत होते। हमें तो खाने का कोई स्वाद ही नहीं मिलता। जो मिला गटक गए।’’

कबूतर की बात पर कोई कुछ कहता कि मगरमच्छ बोल उठा, ‘‘मैं तो अपने टेढ़े-मेढ़े दाँतों से परेशान हूँ। दाँतों में अक्सर माँस के टुकड़े फँस जाते हैं। तब हमें चिड़ियों के भरोसे रहना पड़ता है। घंटों जलती रेत पर मुँह खोले पड़े रहो। तब कहीं कोई चिड़िया आकर दाँतों की सफाई करती है।’’

तभी कछुआ बोला, ‘‘दोस्तो, मेरे हाल न पूछो। काश, मैं भी खरगोश की तरह तेज़ रफ्तार चल पाता।’’

कछुए की बात पूरी होते-होते खरगोश हँस पड़ा। वह बोला, ‘‘लेकिन कछुए भाई, अपनी धीमी चाल से ही तुमने हमारे परदादा के परदादा को हरा दिया था।’’

लेकिन हाथी अपने आप में मस्त था। उसने कहा, ‘‘चाहता तो मैं भी हूँ कि कंगारू की तरह उछल सकूँ। पर उछल नहीं सकता तो नाच तो सकता हूँ।’’ यह कहकर वह सूँड उठाकर धम-धमकरके नाचने लगा।

उसे नाचता देख बाकी सब भी नाचने लगे।

Monday 6 November 2023

नई किताबें

 आत्माराम एंड सन्स की फर्म अमातरा पब्लिकेशन्स तथा व्हाइट पेपर पब्लिकेशन्स, दिल्ली से प्रकाशित मेरी दो नई किताबें-‘21 हास्य बाल कहानियाँ’ और ‘आदमख़ोर शेरनी’।

‘21 हास्य बाल कहानियाँ’  में 21 हास्य बाल कहानियाँ संग्रहीत हैं जबकि ‘आदमख़ोर शेरनी’ में  साहस एवं रोमांच से भरी हुई 9 कहानियाँ संकलित हैं।

दोनों पुस्तकों का लिंक इस प्रकार है-

‘21 हास्य बाल कहानियाँ’ 

https://www.amazon.in/Bal-Hasya-Kathaien-ISBN-9789392602672/dp/B0CL2C8NT5/ref=sr_1_10?qid=1699284039&refinements=p_27%3AArshad+Khan&s=books&sr=1-10



‘आदमख़ोर शेरनी’

https://www.amazon.in/Aadam-Khor-Sherni-Mohd-Arshad/dp/B0CL2C6HGB/ref=sr_1_11?qid=1699284039&refinements=p_27%3AArshad+Khan&s=books&sr=1-11



Monday 29 May 2023

मेरी नई पुस्तक : 'झुनकू' (बाल उपन्यास)

 


      पुस्तक : झुनकू

विधा : बाल उपन्यास

प्रकाशक : प्रकाशन विभाग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली.

प्रकाशन वर्ष : 2023

पृष्ठ संख्या : 110

मूल्य : 275/-


ईश्वर ने हर व्यक्ति को कोई न कोई विशिष्टता अवश्य दी है। जो व्यक्ति अपनी इस विशिष्टता को पहचान लेता हैमंज़िल उसके क़दमों में होती है। यह विशिष्टता किसी को वैज्ञानिक बना देती हैकिसी को दार्शनिक। किसी को खिलाड़ी तो किसी को अभिनेता। संसार में जो भी मशहूर हस्तियाँ हुई हैंउन्होंने अपनी इस विशिष्टता को पहचाना है। दुनिया ने कितनी भी हँसी उड़ाईकितनी भी उपेक्षा कीपर वे विश्वास के साथ अपनी धुन में लगे रहे। समय बीतने के साथ-साथ उन्होंने अपनी प्रतिभा को सिद्ध कर दिया। फिर वही दुनिया जो उनकी हँसी उड़ाती थी, उनके पीछे-पीछे चलने लगी। बस, ज़रूरत है तो आत्मविश्लेषण के द्वारा अपनी विशिष्टता को पहचानने की। जिस दिन तुमने उसे पहचान लिया, उस दिन सफलता दूर नहीं।

इस उपन्यास में ऐसा ही एक चरित्र है झुनकू। सीधा-सच्चा, भोला-भाला। स्वार्थ भरी दुनिया की चालाकियों से दूर। सब उसे मूर्ख बनाते हैं। उसकी हँसी उड़ाते हैं, पर वह विचलित नहीं होता। धीरे-धीरे झुनकू इस कमज़ोरी को ही अपनी ताक़त बना लेता है। उसके बाद झुनकू, झुनकू नहीं रहता। वह सच्चाई और ईमानदारी की जीती-जागती मिसाल बन जाता है। सिर्फ मनसुखपुर ही नहीं आस-पास के गाँववाले भी उसके आचरण को देखकर सीखते हैं।

ग्रामीण पृष्ठभूमि में लिखा गया यह उपन्यास सिर्फ झुनकू की कहानी ही नहीं कहता, बल्कि गाँवों की साझी संस्कृति और मेलजोल की कथा भी कहता है। इसमें हँसी-चुहल भी है और गहन संवेदना भी। आशा करता हूँ यह उपन्यास बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी पसंद आयेगा